लोक अदालत अदालत के बाहर, सौहार्दपूर्ण ढंग से विवादों को निपटाने की एक व्यवस्था है। इसे जन अदालत भी कहा जाता है। लोक अदालत विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 द्वारा शासित होती है।
स्थायी लोक अदालत:
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा-22 क और ख के अंतर्गत, वर्ष 2007 से बिलासपुर, रायपुर, जगदलपुर, इन 05 जिलों में और वर्ष 2011 से दुर्ग एवं सरगुजा (अंबिकापुर) में जनोपयोगी सेवाओं के लिए स्थायी लोक अदालतों का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत परिवहन, डाक-तार या टेलीफोन सेवा, किसी भी प्रतिष्ठान द्वारा जनता को बिजली, पानी या विद्युत आपूर्ति, सार्वजनिक स्वच्छता या स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, औषधालय या अस्पताल में सेवा, बीमा सेवा, बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थानों की सेवाएँ, किसी प्रतिष्ठान द्वारा आम जनता को किसी भी प्रकार के ईंधन की आपूर्ति, शैक्षणिक या शैक्षिक संस्थान, आवास और अचल संपत्ति सेवा आदि जैसे जनोपयोगी विवादों का निपटारा होता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत:
- राष्ट्रीय स्तर की लोक अदालतें नियमित अंतराल पर आयोजित की जाती हैं, जहाँ एक ही दिन पूरे देश में, सभी सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर तक की सभी अदालतों में बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है। फरवरी 2015 से, हर महीने एक विशिष्ट विषय पर राष्ट्रीय लोक अदालतें आयोजित की जा रही हैं।
- देश भर में नियमित अंतराल पर एक विशिष्ट दिन पर आयोजित की जाती हैं।
इसका उद्देश्य सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर तक सभी अदालतों में एक साथ बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा करना है। - हर महीने विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिससे विवादों के व्यापक समाधान को बढ़ावा मिलता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत | तिथि |
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पहली राष्ट्रीय लोक अदालत | 08-03-2025 |
दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत | 10-05-2025 |
तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत | 13-09-2025 |
चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत | 13-12-2025 |